उत्तराखंड की राजधानी में बेरोजगारों पर लाठीचार्ज कई घायल, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे प्रदर्शनकारी
पुलिस का प्रदर्शनकारियों ने दम निकाला, पुलिस के हाथ-पांव फूले तो किया लाठीचार्ज
कांग्रेस ने किया त्वरित टिप्पणी, धस्माना ने कहा सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस

दैनिक समाचार, देहरादून: भर्तियों में धांधली की सीबीआई जांच और तत्काल नकल विरोधी कानून बनाने सहित नौकरी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे बेरोजगारों ने पुलिस के पसीने छुड़ा दिए। हजारों की तदाद में उमड़े बेरोजगारों के प्रदर्शन से देहरादून की यातायात व्यवस्था का दम निकल गया। प्रदर्शनकारियों को रोकने को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर नोंकझोंक हुई। इसके बाद पुलिस को बेरोजगार नौजवानों को नियंत्रित करने को लेकर लाठियां फटकारी गई। जिसमें करीब एक दर्जन से अधिक नौजवानों को चोट लगने की खबर आ रही है।​ भर्तियों में धांधलियों के विरोध में आंदोलन कर रहे बेरोजगारों की वजह से गांधी पार्क के बाहर सड़क जाम रहा। घंटाघर से राजपुर और एस्लेहॉल से घंटाघर, दोनों तरफ का ट्रैफिक प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया।
नाराज प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने समझाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस व प्रदर्शनकारी युवाओं के बीच झड़प भी हुई। इसके बाद नाराज बेरोजगारों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।​ जिसमें खबर लिखे जाने तक करीब दर्जन भर बेरोजगारों को चोट लगने की खबर है। अब मामले को लेकर कांग्रेस सहित अन्य दल भी मुखर हो गए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत घस्माना ने शाम को लाइव पर लाठीचार्ज की कड़ी आलोचना की। कहा कि भर्तियों में घोटाला बिना संरक्षण संभव नहीं है। सरकार आखिरकार सीबीआई की जांच क्यों नहीं करा रही हैं। उन्होंने अंकिता हत्याकांड को लेकर भी सरकार को घेरा। कहा कि कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी और जिन लोगों ने लाठीचार्ज किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।

इस वजह से आक्रोशित थे प्रदर्शनकारी
लेखपाल, जेई, एई सहित लोक सेवा आयोग की तमाम भर्तियों में धांधली की सीबीआई से जांच, तत्काल नकल विरोधी कानून बनाने और लेखपाल भर्ती में शामिल नकलचियों की सूची सार्वजनिक करने के बाद ही दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर बेरोजगार युवाओं ने एक दिन पहले गांधी पार्क के बाहर सत्याग्रह शुरू किया था। पर देर रात पुलिस ने इन्हें जबरन उठा दिया। जिससे इनमें आक्रोश था।

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