



मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया से जारी किया गया बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की तस्वीरें और खबर
सरकार की ओर से कहा गया प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात सकारात्मक रही, पटवारी की रविवार को होगी परीक्षा
सरकार की तस्वीरों और खबर का उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने कुछ ही पलों में किया खारिज, कहा हम मिलने नहीं गए
देहरादून के गलियारे में कुछ ही पलों में ये दोनों खबरें तैर गई, बेरोजगार संघ ने सोशल साइट पर किया दनादन पोस्ट
नवीन पाण्डेय, देहरादून: बरोजगार संघ की मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर देहरादून में घमासान मच गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करके सकारात्मक बातचीत की बात कही तो इधर, उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने अपने किसी प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री से मुलाकात की बात को नकार दिया और बताया कि उनका सत्याग्रह शहीद स्माकर पर जारी है। इसी बीच, ये खबर देहरादून के गलियारों में आम हो गई कि फिर मुख्यमंत्री से मिलने वाला प्रतिनिधिमंडल था कौन, कयासों के बीच, जितनी मुंह उतनी बातें हो रही है। जाहिर है यदि ऐसा कुछ है तो इसे लेकर राजनीतिक दलों को सरकार को घेराने का एक और मौका मिल जाएगा।

उत्तराखंड सरकार की ओर से यह बताया गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बेरोजगार संगठन के प्रतिनिधिमंडल सुबह वार्ता करने आए थे। सीएम ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार निष्पक्ष, नकल विहीन और पारदर्शी परीक्षा कराने को लेकर कटिबद्ध है। देश का सबसे बड़ा नकल विरोधी कानून भी लागू कर दिया गया है। सीएम ने ये भी जोड़ा कि रविवार को होने वाली पटवारी और लेखपाल भर्ती परीक्षा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराई जाएगी। सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र तक जाने के लिए निशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह बात जैसे ही सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई, उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने सीएम से किसी तरह की मुलाकात से इंकार करते हुए अपने सोशल मीडिया पेज पर मुलाकात से इंकार करते हुए पलटवार किया।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने लिखा कि संघ का कोई भी डेलीगेशन सीमए से मिलने नहीं गया है। बॉबी पंवार सहित अन्य प्रदर्शनकारी जो शुक्रवार को जेल भेजे गए थे उनकी जमानत कराने के लिए एक टीम जुटी हुई जबकि दूसरी टीम शहीद स्मारक पर सत्याग्रह कर रही है। अब ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि मुख्यमंत्री से मिलने वाले लोग कौन थे क्या वाकई वे बेरोजगार संघ यानि जिन्होंने लाठी खाई उस संगठन से थे या फिर कुछ और। इस बीच, देहरादून के गलियारे में ये बात सामने आने लगी कि मुख्यमंत्री से जिन लोगों ने बेरोजगार संघ के नाम पर मुलाकात की है वे कुछ कोचिंग सेंटर के संचालक हैं जबकि कुछ को पटवारी तक बताया जा रहा है। बहरहाल, सरकार की ओर से खबर लिखे जाने तक अधिकृत कोई बयान नहीं आया है।

अपने फेसबुक अकाउंट पर बेरोजगार संघ ने ये लिखा, सरकार पर उठाए सवाल
उत्तराखंड बेरोजगार संघ की सोशल मीडिया पेज पर सरकार की ओर से जारी फोटो को जारी करते हुए ये लिखा कि हमारे साथी लाठी-डंडे खाकर सड़कों पर चोटिल होकर जेल में है और कुछ लोग बड़ी शिदृत से दांत दिखा कर गुलदस्ता भेंट कर रहे हैं ऐसा कौन सा कार्य कर दिया मुख्यमंत्री जी ने। क्या मर चुकी है संवेदनाएं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बेरोजगारों के शिष्टमंडल में कब से सरकारी नौकरी करने वाले प्रतिनिधित्व करने लगे हैं। क्या सरकार ने अपना खुद का डेलीगेशन बना दिया है। सरकार ऐसे कुकृत्यों से माहौल और बिगड़ सकता है जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी आपकी ही होगी। सत्याग्रह जारी है।

डीआईजी भारी फोर्स के साथ शहीद स्थल पहुंचे, आंदोलनकारियों ने कहा नजरबंद किया
शहीद स्मारक पर देहरादून के डीआईजी सहित आला अधिकारी शहीद स्मारक पहुंचे। उन्होंने सत्याग्रह कर रहे लोगों से आग्रह किया कि वे शहीद स्मारक पर धरना-प्रदर्शन नहीं करें। वहीं, प्रशासन की ओर से साफ कहा कि यह धरना स्थल नहीं है। इसलिए यहां पर आंदोलन नहीं हो सकता है। इसी बीच, सत्याग्रह करने वालों का आरोप है कि उन्हें शासन—प्रशासन ने नजरबंद कर दिया है। अंदर-बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।