दिल्ली-एनसीआर में नहीं हटा है वाहनों से कोई प्रतिबंध, फेक न्यूज के ‘फंदे’ में कहीं आप न आ जाएं लपेटे में

कुछ मीडिया घरानों ने खबर चलाई कि एमओआरटीएच ने दिल्ली-एनसीआर को लेकर वाहनों पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया
मीडिया घरानों ने बिना हकीकत जाने खबरों को किया प्रसारित, एमओआरटीएच मंत्रालय ने लिया इसका कड़ा और बड़ा संज्ञान
मंत्रालय ने किया स्पष्ट, दिल्ली-NCR में दस साल से अधिक डीजल और 15 साल से अधिक पेट्रोल वाहनों से नहीं हटा है प्रतिबंध
इसलिए कहीं दिल्ली-एनसीआर में फेंक न्यूज सुन या पढ़कर अपना वाहन लेकर न निकल पड़े आप, फंस जाएंगे आप फंदे में

NAVEEN PANDEY, देहरादून/दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने कुछ मीडिया घरानों की उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें यह कहा गया है कि दस साल से अधिक पुराने डीजल और पन्द्रह साल से अधिक पुराने पेट्रोल कारों के संचालन से दिल्ली-एनसीआर से प्रतिबंध हटा लिया गया है। एमओआरटीएच मंत्रालय ने इस बाबत ट्विटर पर इन खबरों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि इस तरह का कोई आदेश मंत्रालय से जारी नहीं किया गया है। मंत्रालय ने साफ किया है कि एनजीटी और सुप्रीम के आदेशों के अनुकूल प्रतिबंध लागू है और दिल्ली-एनसीआर में वाहनों की जब्ती की कार्रवाई तेज की गई है। मंत्रालय ने ये भी स्पष्ट किया है कि प्रतिबंधित वाहनों की सार्वजनिक पार्किंग पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि कई मीडिया घरानों में बिना जांच-पड़ताल और सबसे पहले खबर ब्रेक करने के चक्कर में खुद फेंक न्यूज के फंदे में मीडिया घराने फंस गए। दरअसल, हाल ही में तेजी से ये न्यूज वायरल हुई कि दिल्ली-एनसीआर से केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से डीजल वाहनों पर दस साल और पेट्रोल कारों पर दस वर्ष पुराने होने पर संचालन प्रतिबंधित करने और इसे स्कैप की श्रेणी में डाले जाने को लेकर लगाया गया वापस ले लिया गया है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। कुछ मीडिया घरानों ने वायरल खबर में अधिसूचना को भी दिखाया गया। जिसका संज्ञान एमओआरटीएच मंत्रालय ने तत्काल लिया। एमओआरटीएच की ओर से दो दिन पहले ही प्रतिबंध हटाने की खबर का खंडन करते स्पष्ट किया गया है कि 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष से अधिक पुराना पेट्रोल वाहन दिल्ली-NCR में संचालित नहीं हो सकते हैं। दिल्ली में ऐसे वाहन चलाना गैरकानूनी है और इन्हें सार्वजनिक स्थानों पर पार्किंग भी गैर कानूनी होगा।

दिल्ली परिवहन आयुक्त ने क्या कहा
दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को अनुमति देने के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। स्पष्ट किया कि यह सच नहीं है कि MORTH ने पुराने वाहनों के संचालन पर लगी रोक हटाने के लिए अधिसूचना जारी की है। स्पष्ट किया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (2015) और सुप्रीम कोर्ट (2018) की ओर से जारी विभिन्न आदेशों में निर्धारित नियमों के अनुसार, 10 वर्ष से अधिक पुराना कोई भी पंजीकृत डीजल वाहन और 15 वर्ष से अधिक पुराना पेट्रोल वाहन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नहीं चल सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऐसे वाहन चलाना गैरकानूनी है।

मंत्रालय ने ये किया है ट्विटर पर ​ट्वीट
मंत्रालय ने ट्विटर पर कहा, “सोशल मीडिया में एक फर्जी खबर चल रही है जिसमें दावा किया गया है कि MoRTH ने दिल्ली एनसीआर में वाहनों (डीजल के लिए 10 साल पुराने और पेट्रोल के लिए 15 साल पुराने) पर एनजीटी की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की अधिसूचना जारी की है। “यह यह भी दावा करता है कि ऐसे वाहनों के आरसी को ₹5,000 के भुगतान से नवीनीकृत किया जा सकता है। MORTH स्पष्ट करना चाहता है कि NGT की ओर से लगाया गया प्रतिबंध और सर्वोच्च न्यायालय की ओर से बरकरार रखा गया, अभी भी लागू है।

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