



श्री केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान जानवरों की निगरानी को 20 जवानों की होगी तैनाती
केदारनाथ धाम में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण
15 अप्रैल तक सभी तैयारियां पूरी करने का रखा गया है प्रशासन की ओर से लक्ष्य
दैनिक समाचार, देहरादून: केदारनाथ मंदिर खुलने की तिथि घोषित होने के बाद से तैयारियां तेज हो गई हैं। विगत सीजन के दौरान केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर की मौत को लेकर अबकी यात्रा शुरू होने से पहले इस ओर गंभीर संज्ञान लिया गया है। यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार की कोई क्रूरता न हो तथा बीमार व कमजोर घोड़े-खच्चरों का किसी भी दशा में संचालन न किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में निगरानी के लिए 20 पीआरडी जवानों की तैनाती का निर्णय लिया गया है।
श्री केदारनाथ धाम यात्रा के अंतर्गत केदारनाथ धाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में अध्यक्ष श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में रुद्रप्रयाग में अधिकारियों के साथ बैठक में ये अहम निर्णय लिया गया है। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। यात्रा को सुव्यवस्थित और सफल संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं 15 अप्रैल से पूर्व ही पूर्ण करने के निर्देश दिए। केदारनाथ यात्रा मार्ग में बर्फ हटाने का कार्य त्वरित गति से शुरू करने का निर्णय लिया गया। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यात्रा के दौरान यातायात व्यवस्था के लिए उचित पार्किंग एवं यातायात प्लान तैयार करने को लेकर भी बात हुई। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर पिछली यात्रा में मर चुके हैं करीब 200 जानवर
केदारनाथ पैदल मार्ग पर 2022 में संचालित घोड़े-खच्चर संचालकों की लापरवाही, डिहाइड्रेशन और उचित आहार न मिलने के कारण घोड़े और खच्चरों की मौत हुई थी। जून 2022 तक सरकारी रिकार्ड में पैदल मार्ग पर 103 घोड़े-खच्चर की मौत की बात कही गई थी। जो यात्रा के समापन तक बढ़कर 175 से अधिक हो चुकी थी।