यूके-यूपी बार्डर पर बनेगा भव्य प्रवेश द्वार, धर्मनगरी में पांच मल्टी पार्किंग से सुधरेंगे हालात, वैध और अवैध निर्माणों की रिपोर्ट अफसरों से मांगी

शहरी विकास मंत्री ने एचआरडीए के अधिकारियों के साथ की अहम समीक्षा बैठक,15 दिन में आवासीय भवनों का नक्शा पास करने की दी अफसरों को हिदायत

हरिद्वार नगर क्षेत्र में 84 पार्कों का एचआरडीए करा रहा है सुधारीकरण, 40 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 42 करोड़ 83 लाख राजस्व प्राप्त करने में सक्षम

दैनिक समाचार, हरिद्वार: उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश की सीमा से लगते धर्मनगरी के नारसन में एआरडीए प्रवेश द्वार बनाने जा रहा है। जिससे प्रदेश में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं और यात्रियों को हरिद्वार जनपद में कदम रखने का सुखद अहसास हो सकेगा। शहरी विकास मंत्री ने इस पर सहमति जता दी है। कैबिनेट मंत्री ने हरिद्वार में पार्किंग की समस्या को गंभीर मानते हुए पांच मल्टीलेवल पार्किंग बनाने को लेकर हामी भी भर दी है।
हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण की प्रगति की समीक्षा के दौरान प्रदेश के शहरी विकास मंत्री डाॅ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने अधिकारियों की बैठक में इन बातों पर सहमति जताई। मंत्री ने नक्शा पास कराने की पद्धति में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कहा कि एक हफ्ते के अन्दर वैध तथा अवैध निर्माणों की रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि आवासीय भवनों के नक्शे 15 दिन तथा व्यवसायिक भवनों के नक्शे 30 दिन के भीतर पास होने चाहिए। कहा कि सरकार की ओर से प्राधिकरणों का निर्माण जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखकर किया जाता है इसलिए एचआरडीए और तेजी से प्रयास करे। बताया कि एचआरडीए ने वर्ष 2021-22 में जहां 36 करोड़ लक्ष्य राजस्व के सापेक्ष 30 करोड़ राजस्व प्राप्त किया था वहीं वर्ष 2022-23 के फरवरी माह तक यह 40 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 42 करोड़ 83 लाख राजस्व प्राप्त कर करने में सक्षम रहा है। मंत्री ने बताया कि अवस्थापना के अन्तर्गत लगभग 38 करोड़ के कार्य एचआरडीए की ओर से कराये जाने हैं। जिसमें 122 कार्य प्रगति में हैं और पूर्ण होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि एचआरडीए के अन्तर्गत ही नगर क्षेत्र में 84 पार्कों का सुधारीकरण तथा उनमें सोलर लाइट, पाथ तथा जिम आदि की सुविधाओं की व्यवस्था सुचारू की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एचआरडीए के अन्तर्गत 528 आवासों का निर्माण किया जा चुका है। जिसके सापेक्ष 896 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिनमें सत्यापन की प्रक्रिया गतिमान है।

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