प्रचंड होगी गर्मी, गहराएगा बिजली संकट, 400 मेगावाट कमी पर केन्द्र से मिली राहत

400 मेगावाट की बिजली कमी को लेकर केन्द्रीय मंत्री से मिले सीएम
केन्द्रीय मंत्री ने दिया आश्वासन, केन्द्रीय पूल से मिलेगी अहम राहत
बारिश, बर्फबारी से प्रदेश की नदियों का जलस्तर हो रहा है बेहद कम
दैनिक समाचार, देहरादून:
देश में गर्मी अबकी काफी झुलसाएगी। केन्द्र सरकार ने भी इस ओर बिजली को लेकर चिंता जाहिर की है। चूंकि उत्तराखंड में बारिश कम होने से बर्फबारी भी बेहद कम हुई इसलिए प्रदेश में भी बिजली का संकट गहरा सकता है। इसलिए सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भेंट कर माह मार्च-2023 के लिए उत्तराखण्ड राज्य को केन्द्रीय पूल से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत देने का आग्रह किया। जिसे केन्द्रीय मंत्री ने स्वीकर कर लिया है। जाहिर है इससे प्रदेश में बिजली संकट से काफी राहत मिलेगी।
केन्द्रीय मंत्री से नई दिल्ली में मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय कारणों से राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में विलम्ब अथवा माननीय न्यायालयों में विचाराधीन होने के कारण विद्युत मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता में कमी आई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में बेस लोड के लिए तापीय विद्युत गृह का उपलब्ध नहीं होना और
बीती शीत ऋतु में कम वर्षा एवं बर्फबारी से नदियों में कम जलस्तर के कारण प्रदेश के जलविद्युत उत्पादन में कमी संभव है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य की विद्युत मांग एवं उपलब्धता में वर्ष 2023-24 में औसतन 400 मेगावाट का अन्तर अनुमानित है। मुख्यमंत्री के 400 मेगावाट बिजली देने पर केन्द्रीय मंत्री आरपी सिंह ने सहमति दे दी है। केन्द्रीय मंत्री ने ने उत्तराखण्ड राज्य को संभावित विद्युत संकट से मुक्त रखने के लिए केन्द्रीय पूल से मार्च-2024 तक की अवधि के लिए 400 मेगावाट अतिरिक्त कोटा उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने टीएचडीसी, खुर्जा के आवंटन पर पुनर्विचार किए जाने अथवा उत्तराखण्ड राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को संबल प्रदान जाने के उद्देश्य से इस पावर स्टेशन की 133 मेगावाट की अनावंटित क्षमता, उत्तराखण्ड राज्य को आवंटित करने का भी अनुरोध किया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के लिए बेस लोड विधुत गृह कोयला की उपलब्धता वाले प्रदेशों में स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार उत्तराखंड राज्य को आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी।

जल विद्युत की लंबित परियोजनाओं पर जल्द मोदी लेंगे बैठक
प्रदेश की लंबित जल विधुत परियोजनाओं पर शीघ्र ही प्रधानमंत्री कार्यालय स्तर पर बैठक आयोजित की जायेगी। केंद्रीय दल की ओर से उत्तराखंड में विधुत आपूर्ति और आवश्यकता का अध्ययन कर आगे की कार्ययोजना बनाई जाएगी। जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एनटीपीसी की ओर से सीएसआर मद में पुनर्निर्माण कार्यों में मदद का आश्वासन भी दिया गया। लोहारी नागपाला परियोजना में सुरक्षा कार्य पूर्ण करते हुए योजना को उत्तराखंड राज्य को हस्तगत कराने का भी निर्णय लिया गया। केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड स्थित गैस पावर प्लांट के पुनः संचालन का भी सुझाव दिया।

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