



बेरोजगारी, भर्ती घोटाला सहित अन्य को लेकर कांग्रेसियों ने शुरू किया था सदन में जमकर हंगामा
बजट सत्र के दौरान कांग्रेसी विधायकों ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव अस्वीकार करने पर और भड़के कांग्रेसी
हंगामे से नाराज विधान सभा अध्यक्ष ऋ़तु खंडूड़ी ने सत्र को बीच में ही छोड़ा, की कांग्रेसियों पर बड़ी कार्रवाई
दैनिक समाचार, देहरादून: उत्तराखंड के भराड़ीसैंण में बजट सत्र के दौरान कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष के बेल में कई कांग्रेसी पहुंच गए। कांग्रेसी विधायक यहीं तक नहीं रुके उन्होंने सदन में कई टेबुलें भी तोड़ी और रुल बुक को फाड़ दिया। माइक को भी एक कांग्रेसी विधायक ने तोड़ दिया। हंगामा और सदन में इस तरह के आचरण से नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने बीच में ही सदन छोड़ दिया और कुछ देर बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत कांग्रेस के 15 विधायकों को सत्र की कार्यवाही से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया।
उत्तराखंड बजट सत्र के दूसरे दिन कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने बेरोजगारी, भर्ती घोटाला और गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने को लेकर सदन में हंगामा शुरु किया। हंगामे के बीच कांग्रेस के कई विधायक बेल मेें आ गए। हंगामा खूब बढ़ गया। कुछ कांग्रेसी विधायकों ने भी तोड़ दी और रूल बुल भी फाड़ दिया। जिसके चलते 15 विधायकों को एक दिन के लिए सत्र से निलंबित कर दिया। विपक्षी सदस्यों के रवैये से विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण बेहद नाराज दिखीं।हंगामे का आलम ये रहा कि निलंबन के बावजूद कांग्रेस सदस्यों ने सदन नहीं छोड़ा और वे वेल में आकर नारेबाजी करते रहे। हंगामे और शोरशराबे के बीच स्पीकर को सात बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। वेल में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस विधायक ने प्रभारी सचिव हेम पंत की टेबल पर रखा माइक तोड़ दिया। उन्हें कुर्सी छोड़कर दूसरी जगह बैठना पड़ा। इस दौरान स्पीकर पर एक रिपोर्ट फेंकी गई, जिससे वह बाल-बाल बचीं। हल्ले-गुल्ले के बीच राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव आया, चर्चा हुई और इसे पारित कर दिया गया।

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव स्वीकार नहीं करने पर हंगामा
जसपुर के विधायक आदेश चौहान के विशेषाधिकार हनन के मामले में सरकार की रिपोर्ट पर जब स्पीकर ने प्रस्ताव को अस्वीकार किया तो कांग्रेस विधायक भड़क गए और उन्होंने वेल में आकर जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस विधायक आदेश चौहान और फुरकान अहमद विस प्रभारी सचिव की टेबल पर चढ़ गए। विपक्षी सदस्यों ने पीठ की ओर कागज के पर्चे फेंके।
ये विधायक किए गए निलंबित
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, आदेश चौहान, हरीश धामी, फुरकान अहमद, ममता राकेश, रवि बहादुर, सुमित हृदयेश, अनुपमा रावत समेत कांग्रेस के 15 विधायकों को निलंबित किया गया है।
बसपा व निर्दलीय विधायक का भी मिला कांग्रेस को साथ
भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो बसपा और निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन कांग्रेसी सदस्यों को मिल गया। बसपा के विधायक सरबत करीम अंसारी और मोहम्मद शहजाद के साथ खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी वेल में आकर प्रदर्शन किया।
लोकतंत्र के इतिहास में विपक्ष का इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है। जो भी निर्णय विधानसभा अध्यक्ष ने लिया है, वह उचित है। सदन की गरिमा से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है।
प्रेमचंद अग्रवाल, संसदीय कार्यमंत्री
विशेषाधिकर हनन के मामले में सरकार और पुलिस की रिपोर्ट सच्चाई से परे है। विस अध्यक्ष सदन में सभी विधायकों के संरक्षक होते हैं। इसी लिहाज से कांग्रेसी विधायक उनसे संरक्षण मांग रहे थे, लेकिन बात सुनी तक नहीं गई।
यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष
विशेषाधिकार हनन के मामले में सरकार की रिपोर्ट को सदन में रखा जा रहा था। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस वजह से विशेषाधिकार मामले को अस्वीकार किया गया। जिस पर कांग्रेसी विधायक उग्र हो गए और सदन की गरिमा को तार—तार किया। कांग्रेस के विधायकों के व्यवहार को देखते हुए सदन की कार्यवाही से एक दिन के लिए निलंबित किया गया है।
ऋतु खंडूड़ी भूषण, अध्यक्ष विधानसभा