



2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया
सीएम ने इसे एतिहासिक बजट बताया, कहा “उत्तराखंड@2025” के संकल्प को पूरा करेगा
दैनिक समाचार, देहरादून: उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने बजट को रोजगार, निवेश व पर्यटन पर फोकस किया है। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे एतिहासिक बजट बताया है। उनका कहना है कि यह बजट “उत्तराखंड@2025” के संकल्प को पूरा करेगा।

आईए जानते हैं बिन्दुवार किसे क्या मिला
उद्यान विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 815.66 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-पॉलीहाउस के लिए 200 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-मिशन एप्पल योजना के अन्तर्गत 35 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-राजकीय नियुक्तियों के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। जिसके लिए राज्य लोक सेवा आयोग के अन्तर्गत रू 133.53 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
उद्योग विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू 461.31 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-वर्क फोर्स डेवलपमेंट के लिए 100 करोड़
-मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए 40 करोड़
- प्रमोशन ऑफ, इंवेस्टमेंट स्टार्ट अप और एंटरप्रेन्योरशिपयोजना के लिए 30 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-विभिन्न नीतियों के तहत उद्योगों को अनुदान के लिए 26 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
पर्यटन विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 302.04 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-उत्तराखण्ड राज्य पर्यटन विकास परिषद के लिए 63.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-पर्यटन विकास हेतु अवस्थापना निर्माण के लिए 60.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-टिहरी झील का विकास के निर्माण के लिए 15.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-चार धाम यात्रा/मार्गों पर आधारभूत सुविधाओं का निर्माण/विकास के लिए 10.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-पर्यटन विभाग अन्तर्गत चारधाम एवं विभिन्न स्थानों हेतु भूमि क्रय हेतु 50 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
शिक्षा एवं युवा कल्याण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 10459.55 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
- उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय के लिए 51 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना में छात्रवृत्ति के लिए 11 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-पीएम श्री योजना के लिए 92.78 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
कृषि विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 1294.15 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-मिलेट मिशन के लिए 15 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-स्थानीय फसलों में प्रोत्साहन के लिए 20 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 4217.87 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-अटल आयुष्मान के लिए 400 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-मेडिकल कॉलज तथा नर्सिंग कॉलेज के निर्माण के लिए 400 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 2850.24 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-निराश्रित विधवा पेंशन के लिए 250 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-किसान पेंशन योजना के लिए 35 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-नंदा गौरा योजना के लिए 282.50 करोड़ का प्रावििधान किया गया है।
-मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान योजना के लिए लगभग 26.72 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए 23 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के लिए 19.95 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
विकेन्द्रीकृत विकास
-जिला योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 925.60 करोड़ का प्रावििधान किया गया है, जो कि गत वर्ष से लगभग 26 प्रतिशत अधिक है।
-स्थानीय निकायों के समनुदेशन के लिए 3343 करोड़ का प्राविधान है।
लोक निर्माण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 2791.83 करोड़ का प्राविधान किया गया हैं।
-रख-रखाव हेत अनुरक्षण मद में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 430.67 करोड़ के प्राविधान के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 में 850.47 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-नव-निर्माण करने हेत वृहद्ध निर्माण मद में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1244.80 करोड़ के प्राविधान के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1318.30 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 1251.33 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
-लखवाड़ परियोजना के अन्तर्गत रू 500 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
सिंचाई विभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 1443.42 करोड़ का प्रावििधान किया गया है।
-देहरादून पेयजल हेतु सौंग डैम के अन्तर्गत रू 110 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
जोशीमठ व अन्य स्थानों में भू-धंसाव व अन्य के अन्तर्गत राहत कार्य हेतु 1000 करोड़ का प्राविधान है।
जी-20 समिट के लिए 100 करोड़ का प्राविधान।
राज्य के विभिन्न विभागों में अवस्थापना कार्य के लिए 1300 करोड़ का प्राविधान है।
अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु रू 215 करोड़ का प्राविधान है।