उत्तराखंड: प्रति व्यक्ति आय तो बढ़ी पर 407 गांवों तक नहीं पहुंच पाई अब तक सड़क

प्रदेश सरकार की उम्मीद राज्य का आर्थिक विकास दर 7.08 रहेगी
आय बढ़ी लेकिन विकास की गंगा अब भी सैकड़ों गांवों तक नहीं पहुंची
दैनिक समाचार, देहरादून:
उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय में पिछले साल के मुकाबले दस प्रतिशत बढोरती हुई है। गतवर्ष राज्य में प्रति व्यक्ति आय दो लाख पांच हजार रुपये थी जो अब दो लाख 33 हजार रुपये है।
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अर्थ एवं संख्या विभाग की ओर से तैयार आर्थिक सर्वेक्षण विधानसभा के पटल पर रखा। इसमें राज्य की विकास दर से लेकर प्रति व्यक्ति आय को लेकर उत्साहजनक आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सुधार का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022-23 के लिए राज्य की अर्थव्यस्था का आकार 3.02 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। आर्थिक विकास दर 7.08 रहेगी। पिछले वित्तीय वर्ष के अनुमानों के अनुसार राज्य में प्रति व्यक्ति आय दो लाख पांच हजार रुपये थी। लेकिन इस बार 10.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ प्रति व्यक्ति आय दो लाख 33 हजार रहने का अनुमान है। इन सबके ​बीच चिंता की बात यह भी सामने आई कि जहां विकास की गंगा तेजी से बह रही है उसी बीच आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार ही राज्य में 407 गांव आज भी ऐसे हैं जहां अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई हैं। इस बारे में सर्वेक्षण में यह कहा गया है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इन गांवों तक सड़क पहुंचाने के लिए 2900 करोड़ के बजट की जरूरत होगी। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार इन 407 गांवों तक सड़क पहुंचाने के लिए 3200 किमी सड़कों के निर्माण की जरूरत होगी। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राज्य को पूरी दुनियां में पर्यटन प्रदेश के रूप में जाना जाता है। राज्य में पर्यटन बढ़ाने के लिए ईको टूरिज्म योजना शुरू की गई है। लेकिन 2022-23 में पिछले साल की तुलना में बजट का प्रावधान किया गया है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि इस योजना के लिए बजट प्रावधान कम है और इसे बढ़ाने की जरूरत है।

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया। उन्‍होंने सदन में 77407.84 करोड़ का नया बजट पेश किया है। बजट में रोजगार, निवेश और पयर्टन पर फोकस किया गया है।

लेकिन ग्राम्य विकास के आंकड़े में 6000 गांवों तक सड़क नहीं
आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में सरकार ने ये माना है कि 407 गांवों तक सड़क नहीं पहुंची है लेकिन ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की दूसरी अंतरिम रिपोर्ट में हाल में खुलासा किया गया था कि राज्य गठन के 22 साल बाद भी प्रदेश में छह हजार से अधिक गांवों में सड़क नहीं पहुंची है। हालत यह है कि 84 गांवों के लोग आज भी 10-10 किमी पैदल चलने को मजबूर हैं। प्रदेश में 5828 गांव आज भी शून्य से पांच किमी तक के फासले पर हैं।

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