भागवत, शाह और रामदेव का रामनवमी के दिन संगम, यूं ही है ये मुलाकात या फिर कोई बड़ा राजनीतिक संकेत

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह का प्रस्तावित था कार्यक्रम पर भागवत के आने की नहीं थी कोई सार्वजनिक सूचना
पहले अमित शाह को भी आना था 31 मार्च को पर अचानक बदला उनका कार्यक्रम, अब तीस को आ रहे
यानि भागवत, शाह और स्वामी रामदेव तीनों की पतंजलि में होगी मुलाकात, सियासत अचानक हुई गरम

BY NAVEEN PANDEY

दैनिक समाचार, देहरादून-हरिद्वारः हरिद्वार में रामनवमी के दिन बड़ा संगम होने जा रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का प्रस्तावित कार्यक्रम तो पहले से ही तय था लेकिन बुधवार की देर शाम को अचानक इसमें सर संघ चालक मोहन भागवत की हरिद्वार में मौजूदगी ने हलचल मचा दी। संगम इसलिए कि 30 मार्च को मोहन भागवत, अमित शाह और स्वामी रामदेव तीनों पतंजलि में होंगे। जाहिर है अब से पहले तक मोहन भागवत के हरिद्वार आने की कोई सार्वजनिक सूचना नहीं थी, लेकिन उनकी देर शाम को ऋषि ग्राम में मौजूदगी और फिर तीनों की गुरूवार को मुलाकात कई सियासी संकेत दे रहे हैं। हालांकि तीनों अहम लोगों की मुलाकात तो पतंजलि में कार्यक्रम के मकसद से है लेकिन सियासत के गलियारे को टटोलने वाले इस मुलाकात को यूं ही नहीं मानते।
बुधवार की देर शाम को अचानक सर संघ चालक मोहन भागवत ऋषिग्राम हरिद्वार पहुंचे। स्वामी रामदेव से उनकी मुलाकात हुई। ऋषिग्राम पहुंचे भागवत ने चतुर्वेद पारायण यज्ञ किया। फिर भावी संयासियों को संबोधित किया। इसी दौरान अब ये कार्यक्रम निकलकर आया है कि गुरूवार रामनवमी के दिन हरिद्वार के वीआईपी घाट पर स्वामी रामदेव से संयास दीक्षा लेने वाले शताधिक नवसंयासियों को सर संघ चालक आशीर्वाद देंगे। इसी क्रम में शाम चार बजे केन्द्रीय मंत्री अमित शाह पतंजलि विवि के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करेंगे। जाहिर है तीनों की मुलाकात पतंजलि में होगी। गौर करने वाली बात यहां यह है कि इससे पहले केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम लगभग 31 मार्च को हरिद्वार आने का बन चुका था लेकिन ऐन वक्त पर इसमें बदलाव करते हुए इसे 30 मार्च कर दिया गया। यहां ये बात बेहद अहम हो जाती है कि इस बीच, सर संघ चालक के 29 की देर शाम हरिद्वार आने और फिर 30 मार्च को हरिद्वार में ही रहने को लेकर सार्वजनिक तौर पर कोई कार्यक्रम जारी नहीं किया गया था। देर शाम को पतंजलि की ओर से सर संघ चालक के हरिद्वार पहुंचने और कार्यक्रम को लेकर जानकारी सार्वजनिक की गई। बहरहाल, जो भी हो अब सियासत के गलियारों की ओर नजर लगाकर बैठे लोगों को मोहन भागवत, अमित शाह और स्वामी रामदेव की मुलाकात यूं ही नहीं लगती। इतिहास भी गवाह रहा है कि जब भी मोहन भागवत, अमित शाह और स्वामी रामदेव की मुलाकात हुई है उस वक्त आने वाले चुनावों से संबंधित कई अहम मंथन हुआ है। ये कतई भूलने की जरूरत नहीं है कि स्वामी रामदेव खुद धर्म-अध्यात्म और योग का पताका भले ही फहरा रहे हों लेकिन पतंजलि में देश के राजनीतिक परिदृश्य को लेकर सार्वजनिक और कई गोपनीय मुलाकातें होती रही हैं, जिसकी तस्वीर चुनावों और देश-प्रदेश के अहम फैसले में दिखाई देती रही है। इसलिए अमित शाह का पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम में बदलाव, सर संघ चालक मोहन भागवत का अचानक आना और तीनों का संगम भविष्य की राजनीति के लिए बड़ा संकेत है। कोई बड़ी सियासत की ओर इशारा है।

केन्द्रीय मंत्री शाह का ये है हरिद्वार का कार्यक्रम
30 मार्च को सुबह दिल्ली से हेलीकाप्टर से सीधे गुरूकुल कांगड़ी विवि पहुंचेंगे। 2ः 45 बजे ऋषिकुल मैदान में सहकारिता विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। फिर शाम चार बजे पतंजलि योगपीठ में पतंजलि विवि के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम, दून से पहुंचे अफसर
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है। सुरक्षा का जायजा लेने अपर पुलिस महानिदेशक अपराध और कानून व्यवस्था बी मुरूगेशन, डीआईजी सिक्योरिटी राजीव स्वरूप, डीआईजी इंटेलीजेंस डाॅ वाईएस रावत सहित अन्य अधिकारियों ने संभाल ली है। इससे पूर्व प्रदेश के सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

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