




जब मैं, छोटा था, तब मेले में जाने के लिए हमेशा रहता था काफी आतुर
मेले में इसलिए जाता था कि मुझे मेरे पसंदीदा करतब देखने को मिलते थे
सामान्य परिवार से होने के कारण मैं अधिक खिलौने नहीं पाता था खरीद
पर मेलों और त्योहारों के जरिए मित्रों और सगे-संबंधियों से होती थी मुलाकात
BY NAVEEN PANDEY
दैनिक समाचार, देहरादून: बैसाखी पर्व की शुभकानाएं देने के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने बचपन में खो गए और अपने मन और दिल की बात कह दी। अपनी बातों में उन यादों को संजोया जो शायद हर बचपन का सपना होता है। उनके मन से निकली बातों पर पूरी सभा तालियों से गड़गड़ा उठी। साथ ही अपने संकल्प का बोध करते हुए उत्तराखंड को 2025 तक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की बात कहते हुए राज्य के हर नागरिक से सरकार के पूर्ण सहयोग की अपेक्षा भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नोजगे पब्लिक स्कूल (हैप्पी होम) पहुंचकर उत्तरांचल पंजाबी महासभा की ओर से आयोजित बैसाखी मेले का दीप जलाकर शुभारंभ किया। नानकमत्ता में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को बैसाखी पर्व की लख-लख बधाइयां देते हुए गुरुदेव से प्रार्थना की कि यह त्योहार सभी के जीवन में नव-तरंग, नव-उमंग और नव-सृजन लेकर आए। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि जैसी अनुभूति नानकमत्ता साहिब में कार सेवा के समय होती है, वैसी ही अनुभूति आज बैसाखी मेले में आप सबके बीच उपस्थित होकर हो रही है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं की ओर से जो सम्मान दिया गया है, यह सम्मान मेरे लिए महज सम्मान नहीं, हमारी महान संस्कृति के तेज, त्याग और तपस्या का प्रसाद है, यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि प्रदेश की समस्त जनता का सम्मान है। उन्होंने कहा कि इस सम्मान को, इस गौरव को गुरु नानक देव जी के चरणों में समर्पित करता हूँमुख्यमंत्री इसी बीच अपनी बचपन की यादों में खो गए। उस दौरान ऐसा लगा कि वे अपने मन की बात कह रहे हैं। उन्होंने अपने बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा कि जब मैं, छोटा था, तब मेले में जाने के लिए हमेशा आतुर रहता था क्योंकि मेलों में जहां एक ओर मुझे मेरे पसंदीदा करतब देखने को मिलते थे वहीं तरह-तरह के खिलौने भी मिल जाया करते थे। उन्होंने कहा कि सामान्य परिवार से होने के कारण मैं अधिक खिलौने खरीद तो नहीं पाता था पर उस जमाने में तो खिलौनों को देखकर ही बहुत आनंद आ जाता था। उन्होंने कहा कि उस समय संचार और परिवहन की सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं तो इन मेलों और त्यौहारों के जरिए ही मित्रों और सगे-संबंधियों से मुलाकात भी संभव हो पाती थी। उन्होंने कहा कि हम सभी ने मिलकर लोकपर्वों और मेलों को संरक्षण प्रदान करना होगा, इसके लिए हम सभी को मिलकर निरंतर प्रयास करने होंगे।
2025 तक हमारा राज्य देश के अग्रणीय राज्य में होगा शामिल
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा और 2025 तक हमारा राज्य देश के अग्रणीय राज्य में शामिल होगा। कहा कि राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए सरकार विकल्प रहित संकल्प के आधार पर कार्य करते हुए आगे बढ़ रही है।