



-पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, इस पर भी कांग्रेस ने विचार किया है
-उत्तराखंड कांग्रेस के लिए ‘एक परिवार एक टिकट’ की पॉलिसी पर पार्टी ने सहमति बना ली थी
-सूत्रों का कहना है की शुक्रवार की बैठक में ये भी सुझाव दिया गया था कि हरीश रावत चुनाव लड़ने के बजाय चुनाव लड़वाएं
-सियासी चर्चाओं की मानें तो कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहती है
दैनिक समाचार दिल्ली/ देहरादून
उत्तराखंड में जहां सबकी निगाहें कांग्रेस की लिस्ट पर टिकी है। वहीं राजनीति पूरे चरम पर है। लंबे समय से दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के डेरा डालने के बाद भी कांग्रेस की प्रत्याशियों की लिस्ट जारी नहीं हो पा रही है। अभी भी कई सीटों पर असमंजस की स्तिथि बानी हुई है। जिसके लिए पार्टी ने अब एक और कमेटी का गठन किया गया है जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक और केसी वेणुगोपाल को शामिल किया गया है।
सियासी चर्चाओं की मानें तो कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहती है। अपनी पिछली गलतियों को सामने रखकर प्रत्याशी फाइनल करना चाहती है. पार्टी इस बात पर गहन मंथन कर रही है कि अगर कुछ खास और आम नेताओं के टिकट काटे गए तो पार्टी में कहीं विद्रोह न हो जाए क्योंकि वो बीजेपी में ऐसा होते देख रही है। इसलिए कांग्रेस ऐसी विधानसभाओं में एक-एक नेता से बातचीत करके डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी हाथों-हाथ कर रही है।
कांग्रेस किसी भी समय उत्तराखंड में अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है। इस बीच बड़ी खबर यह आ रही है कि शुक्रवार को ही कांग्रेस में औपचारिक तौर पर शामिल हुए हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गोसाईं को चुनाव मैदान में कांग्रेस के टिकट पर उतर सकती हैं।
कांग्रेस में कई नेता अपने परिजनों के लिए टिकट की मांग कर रहे थे, जिसे देखते हुए भी पार्टी ने एक फॉर्मूला तय करने की कोशिश बनाई है. इसके अलावा यह भी बड़ी खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, इस पर भी कांग्रेस ने विचार किया है।
उत्तराखंड के उम्मीदवारों के नाम घोषित करने के सिलसिले में शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की जो बैठक हुई, उसमें पार्टी ने कुछ बिंदुओं पर सहमति बनाने की कवायद की. बैठक के बारे में सूत्रों के हवाले से खबर है कि उत्तराखंड कांग्रेस के लिए ‘एक परिवार एक टिकट’ की पॉलिसी पर पार्टी ने सहमति बना ली।
इसका असर इस तरह से होगा कि बीजेपी से निष्कासित किए जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गोसाईं चुनाव मैदान में होंगी. हालांकि अभी उनकी सीट को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।
टिकटों की लिस्ट फाइनल करने को लेकर कहा जा रहा है कि समिति ने करीब 60 नामों पर सहमति बना ली है. हालांकि हरीश रावत के चुनाव पर फैसला आलाकमान को लेना है। सूत्रों का कहना है की शुक्रवार की बैठक में ये भी सुझाव दिया गया था कि हरीश रावत चुनाव लड़ने के बजाय चुनाव लड़वाएं. इधर, रामनगर की सीट से हरीश रावत के चुनाव लड़ने पर कांग्रेस में भितरघात का डर है। इन तमाम बिंदुओं और सुझावों पर अंतिम फैसला आलाकमान ही लेगा।