हेट स्पीच के संतों की रिहाई को गाजियाबाद से चले पद यात्रा का गंगा तट पर हुआ समापन

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद अैर वसीम रिजवी की रिहाई को लेकर निकाली गई थी पदयात्रा
पद यात्रा लेकर संत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आवास पर थे जाने वाले, ​मना किया
गाज़ियाबाद से 12 फरवरी 2022 को आरम्भ की गई थी हरिद्वार तक के लिए पद यात्रा
दैनिक समाचार, हरिद्वार:
धर्म संसद में हेट स्पीच देने वाले महामंडलेश्वर यति न​रसिंहानंद गिरी और वसीम रिजर्वी उर्फ जितेन्द्र नारायण त्यागी की रिहाई की मांग को लेकर गाजियाबाद से आरम्भ हुई हिन्दू जनजागरण पदयात्रा सर्वानंद घाट पर संपन्न हुई। हालांकि पदयात्रा की समाप्ति से एक दिन पहले ही यति नरसिंहानंद गिरी की रिहाई हो गई थी।
निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती व यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव डॉ उदिता त्यागी के नेतृत्व में गाज़ियाबाद से 12 फरवरी 2022 को आरम्भ हुई हिन्दू जनजागरण पदयात्रा का सर्वानंद घाट हरिद्वार में पूर्ण विराम हुआ।

यह पदयात्रा जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी और जितेंद नारायण सिंह त्यागी को जेल में डालने और रिहाई को लेकर की गई थी। सर्वानंद घाट पर पहुंचे संतों ने हालांकि संकल्प लिया था कि देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह रावत के आवास पर जाकर अनशन करेंगे लेकिन महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने इसके लिये मना कर दिया। पद यात्रा में शामिल संतों को उन्होंने समझाया कि अब मुख्यमंत्री आवास पर अनशन करने का कोई अर्थ नहीं है। मुख्यमंत्री अब इस मामले में कुछ नहीं कर सकते। अब यहाँ ऊर्जा व्यर्थ करने से कुछ नहीं होगा। इसके बाद सर्वानंद घाट पर माँ गंगा के चरणों में पद यात्रा की समाप्ति की घोषणा की गई। पदयात्रा में अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महासंघ के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष सुनील त्यागी, हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता अशोक पांडेय,अभिषेक गुप्ता, सनोज शास्त्री, विवेक नागर, विपिन नागर, कृष्ण भारद्वाज, शशिकांत त्यागी, उदयवीर आदि शामिल थे।

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