मादा की ‘चाहत’ में डेढ़ घंटे तक लड़े हाथी, एक किलोमीटर दूर तक मिले खून के निशान, जंगल में बढ़ेंगी ऐसी घटनाएं, शौच और लकड़ी के लिए जाने से करें कुछ माह परहेज

मोतीचूर रेंज के सत्यनारायण बीट में भिड़े दो हाथियों में दूसरे की भी हुई मौत
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में टस्कर हाथियों का बहुत खून बहने से हुई है मौत

दैनिक समाचार, देहरादून/हरिद्वार: राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर रेंज के सत्यनारायण बीट में हाथियों के संर्घष में घायल एक और टस्कर की मौत हो गई है। घायल हाथी को ढूंढने के दौरान मालूम चला कि एक किलोमीटर दूर तक खून बहता रहा और घायल ने छिदृदरवाला में दम तोड़ दिया। वाइल्ड लाइफ के जानकारों के मुताबिक हाथियों के बीच डेढ़ घंटे तक खूनी संघर्ष होता रहा। ऐसे संघर्ष मादा की ‘चाहत’ और खुद को जंगल में सबसे ताकतवर बताने की मकसद से होता है।


राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क के रेंजर महेंद्र गिरी ने बताया कि दो दिन पहले सत्यनारायण सेक्शन में दो नर हाथियों के बीच आपसी संघर्ष हुआ था। जिसमें 45 वर्षीय नर हाथी ने दम तोड़ दिया था जबकि एक घायल हो गया था। जंगल में घायल हाथी के सर्च आपरेशन के दौरान शनिवार को छिद्दरवाला के लोग नदी की ओर गए तब उन्हें मृत हाथी दिखाई दिया। मृत हाथी के ​सिर और शरीर पर घाव के गहरे निशान मिले हैं। हाथियों के संघर्ष में एक किलोमीटर तक खून के निशान मिले हैं। संघर्ष में घायल दूसरे मृत टस्कर की उम्र 25-30 साल है।
राजाजी पार्क के निदेशक अखिलेश तिवारी ने बताया कि हाथियों के बीच दो दिन पहले संघर्ष करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चला था। संभवत: दोनों हाथियों के बीच मादा हथिनी को लेकर आपसी संघर्ष हुआ होगा। अत्यधिक खून बहने से हाथियों की मौत हुई है।

मादा की चाहत में करते हैं संघर्ष, एक की मौत तय
हरिद्वार: वाइल्ड के जानकारों की मानें तो जंगल में दो हाथियों के बीच संघर्ष अमूमन मादा पर अपना आधिपत्य जताने के लिए होता है। संघर्ष में एक हाथी की मौत लगभग तय होती है। कई बार दोनों की ही मौत हो जाती है। जैसे मोतीचूर रेंज में हुई है। हाथियों का मादा की चाहत में संघर्ष घंटों चल सकता है। यह निर्भर करता है आपस में भिड़ने वाले हाथियों की ताकत को लेकर। विशेषतौर पर जब हाथी मद में आते हैं तो इसे तरह की भिड़ंत और घटनाएं जंगल में सुनने को मिलती है। यह वक्त जंगल में मानवीय दखल को लेकर भी बेहद जानलेवा होता है क्योंकि इस वक्त नर यानि टस्कर हाथी बेहद आक्रामक हो जाते हैं।

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