सोमवार को सुरंग की सफाई के दौरान एक और शव बरामद, 206 लोगों की हुई थी मौत, अभी तक 137 शव हो चुके हैं बरामद, शवों के मिलने का सिलसिला फिर जारी

ऋषि गंगा की आपदा में टनल की सफाई में मिल रहे हैं शव
15 फरवरी को एक इंजीनियर का शव हुआ था बरामद
चमोली निवासी एक व्यक्ति का सोमवार को फिर मिला

दैनिक समाचार, देहरादून/चमोली: ऋषि गंगा की आपदा के एक साल बाद भी आपदा में मारे गए लोगों के शव मिलने का सिलसिला जारी है। कुछ दिन पहले ही तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के टनल से एक और शव बरामद हुआ है। शव की पहचान इंजीनियर गौरव निवासी ऋषिकेश के रूप में हुई है। सोमवार को एनटीपीसी 520 मेगावाट वाली तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की तपोवन सुरंग से एक और शव बरामद हुआ है। शव की शिनाख्त कर ली गई है। ऋषि गंगा की आपदा में मारे गए लोगों में से अभी तक 137 शव बरामद हो चुके हैं।

पिछले साल सात फरवरी को ऋषि गंगा में आपदा आई थी। जिसमें 206 लोगों की मौत हुई थी। जिसमें से अभी तक 136 के शव बरामद किए जा चुके हैं। आपदा के दौरान एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना की तपोवन सुरंग में कंपनी के कई मजदूर और कर्मचारी फंस गए थे। सुरंग की सफाई के दौरान सोमवार को एक शव और बरामद हुआ है। जिसकी शिनाख्त रोहित भंडारी पुत्र डबल सिंह निवासी किमाणा चमोली के रूप में हुई है। अब शवों की संख्या 137 हो गई है। बीती 15 फरवरी को भी यहां से एक शव बरामद हुआ था। एनटीपीसी के 140 श्रमिकों की भी इस आपदा में मौत हो गई थी, जिसमें कई श्रमिकों के शव परियोजना की टनल में फंसे हुए थे। एनटीपीसी की ओर से अभी भी टनल से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है।

आपदा के एक साल बाद भी सुरक्षा कार्य शुरू नहीं
आपदा को एक वर्ष बाद भी रैणी क्षेत्र में धौली गंगा और ऋषि गंगा के टूटे तटबंधों पर बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं। मलारी हाईवे का सुधारीकरण कार्य भी अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। रैणी गांव में मलारी हाईवे पर आज भी बैली ब्रिज से ही वाहनों की आवाजाही हो रही है। यहां स्थायी मोटर पुल का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है।

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