वसीम रिजवी की रिहाई के लिए यति नरसिंहानंद गांधी समाधि पर करेंगे आमरण अनशन, निकालेंगे पदयात्रा, हिमाचल धर्म संसद किया स्थगित

पदयात्रा में दिव्यांग संत सहित पांच संत होंगे शामिल
पदयात्रा में किसी कार्यकर्ता को जाने की इजाजत नहीं
पदयात्रा से पहले हरिद्वार में संतों से करेंगे मुलाकात

दैनिक समाचार, हरिद्वार: हिन्दुओं के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में संतों के साथ गाँधी की समाधि पर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी आमरण अनशन करेंगे। पांच संतों के साथ दिल्ली गांधी समाधि के लिए पदयात्रा ​निकालेंगे। हिमाचल प्रदेश के ऊना में 4, 5 और 6 मार्च को होने वाली धर्म संसद को स्थगित कर दिया गया है।
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई को लेकर सर्वानन्द घाट पर बैठे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी व स्वामी अमृतानंद गिरी ने हिमाचल धर्म संसद के मुख्य आयोजक योगी ज्ञाननाथ के आदेश पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई के लिये गांधी की समाधि पर आमरण अनशन करने का संकल्प लिया। दोनों पैरों के दिव्यांग संत योगी ज्ञाननाथ महाराज व प्रज्ञाचक्षु संत स्वामी कृष्णानंद के नेतृत्व में 27 फरवरी 2022 विजया एकादशी से एक पदयात्रा सर्वानन्द घाट से गांधी की समाधि की ओर चलेगी। जिसमें केवल पांच संत होंगे।इस पदयात्रा में किसी भी कार्यकर्ता को सम्मिलित नहीं किया जाएगा क्योंकि अगर ज्यादा लोग यात्रा में सम्मिलित होंगे तो कहीं भी पुलिस राजनैतिक दवाब में पदयात्रियों पर कोई भी झूठा मुकदमा बना कर उनके लिये मुसीबत खड़ी कर सकती है। संतों ने यह निर्णय लिया है कि अब गांधी की विचारधारा से गांधीवादी तरीको से ही संघर्ष करेंगे ताकि पुलिस प्रशासन को झूठे मुकदमे दर्ज करने का कोई अवसर न मिले। पदयात्रा में यति रामानन्द सरस्वती व यति सत्यदेवानंद सरस्वती भी भाग लेंगे।

27 को मॉ बगलामुखी यज्ञ करके दो दिन संतों से करेंगे मुलाकात
पदयात्रा के विषय में यह तय किया गया कि 27 फरवरी को माँ बगलामुखी का यज्ञ करके 2 दिन तक पदयात्री हरिद्वार के सभी आश्रमों में जाएंगे और उसके बाद वो दिल्ली गाँधी की समाधि के लिये चल देंगे। पदयात्रा के विषय मे योगी ज्ञाननाथ महाराज ने बताया कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी आज इस्लामिक जिहादियों के षड्यंत्र का शिकार हो गए हैं। हम उनकी रक्षा करने में सक्षम नहीं हैं पर उनके सम्मान के लिये लड़ते हुए मर तो सकते ही हैं। हम यहीं करने जा रहे हैं। हम उनकी रिहाई तक गाँधी की समाधि पर आमरण अनशन करेंगे ताकि दुनिया को हमारी दुर्गति का पता तो चले।

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