



मुख्यमंत्री भितरघात को सिरे से खारिज करते रहे और फूट गया ‘लेटर बम’
आखिर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी ने क्यों लिखना पड़ा शीर्ष नेतृत्व को पत्र
शीर्ष नेतृत्व पर बैठे जिस नेता पर आरोप लगाया वो हरिद्वार से तो नहीं
BY NAVEEN PANDEY
दैनिक समाचारदेहरादून/हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले ही बीजेपी में भितरघात की बातों को सिरे से नकार रहे हों पर अंदरुनी स्थित असहज दिख रही है। अब हरिद्वार लोकसभा का 2009 में चुनाव लड़ चुके महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी ने ‘लेटर बम’ फोड़कर फिर से भितरघात को हवा दे दी है। जाहिर है महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद की ओर से पत्र यूं ही नहीं लिखा गया है। कह सकते हैं कि ‘बात निकली है तो दूर तलक जाएगी’। बड़ा सवाल यह भी कि जिस शीर्ष नेता की ओर स्वामी यतीन्द्रानंद ने इशारा किया है आखिर वो है कौन! सियासी पंड़ितों की मानें तो उस शीर्ष नेता की राजनीति हरिद्वार में होती है। यानि कठघरे में ‘हरिद्वार’ ही है। हालांकि स्वामी यतीन्द्रानंद ने अपनी ‘पाती’ में किसी का नाम तो नहीं लिया है लेकिन इशारों में संकेत काफी साफ है। जाहिर है बीजेपी की प्रदेश से सत्ता फिसली तो कईयों के सिर ठीकरा फूटेगा और यदि बीजेपी दोबारा सरकार बना लेती है तो भी भितरघात के आरोप और ‘लेटर बम’ से कार्रवाई की ‘चाबूक’ से कई नेता बच नहीं सकते। फिलहाल चुनाव के परिणामों तक बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व दम साधे बैठा हुआ है।
मतदान के बाद लक्सर, काशीपुर, चंपावत, गंगोत्री से बीजेपी के विधायक और जनप्रतिनिधि भितरघात का आरोप लगा चुके हैं। हरिद्वार से विधायक और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर तो खुले तौर पर लक्सर विधायक ने एक वीडियो जारी करके उन्हें हराने का आरोप लगा दिया था। असहज हुई बीजेपी ने जांच की बात कही। संगठन की ओर से महामंत्री को जिम्मेदारी भी सौंपी गई लेकिन अब तक भितरघात के मामले में कोई कार्रवाई होती नहीं नजर आ रही है। बल्कि इन आरोपों को किनारे करते हुए दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये कहते हुए सिरे से सारे आरोपों को खारिज कर दिया कि बीजेपी में कहीं भितरघात नहीं हुई है। प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी सरकार बनाने जा रही है। उनके बयान के एक दिन बाद ही संतों और राष्ट़ीय नेतृत्व में मजबूत पकड़ रखने वाले महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी महाराज ने ‘लेटर बम’ फोड़कर बीजेपी में सबकुछ सही नहीं होने का संकेत भी दे दिया है। अब मुख्यमंत्री सहित प्रदेश अध्यक्ष कुछ भी कहें लेकिन सूत्रों की मानें तो ‘बात निकली है तो दूर तलक जाएगी’।

स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी ने क्या लिखा है पत्र में
भाजपा से वर्ष 2009 में हरिद्वार सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। पत्र की प्रतिलिपि गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को भी भेजी है। पत्र के जरिए इस बार चुनाव में कुप्रबंधन की बात कही है और आशंका जताई है कि इसकी वजह से कुछ जगह परिणाम आशा के विपरीत भी आ सकते हैं। ये भी लिखा है कि उत्तराखंड में प्रदेश स्तर पर कोई जिम्मेदार एवं गंभीर व्यक्ति नहीं था जो चुनाव प्रबंधन की रूपरेखा ठीक से बना सके। प्रदेश संगठन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी जिन व्यक्तियों को दी गई, वह स्वयं चुनाव लडऩे और संगठन के बाकि व्यक्तियों को चुनाव हरवाने में स्पष्ट रूप से सक्रिय दिखे। कई विधानसभा में भाजपा के ही नेता असंतुष्ट होकर चुनाव मैदान में उतर आए या उतारे गए। स्थानीय एवं प्रदेश स्तर से कोई ठीक से वार्ता कर समझाकर बैठाने के प्रयास ही नहीं किए गए, जबकि यह संभव था। औपचारिकताएं जरूर पूरी की गई। पत्र में उन्होंने ये भी कहा है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भी वर्तमान में शीर्ष नेतृत्व पर मौजूद व्यक्ति ने हरवाने का काम किया।

कांग्रेस ने यतीन्द्रानंद के पत्र के बाद बीजेपी को घेरा
देहरादून: संत यतीन्द्रांनद गिरी का पत्र वायरल होने के बाद कांग्रेस ने सरकार को घेरने में देरी नहीं लगाई। प्रदेश प्रवक्ता गरिमा ने कहा कि बीजेपी दरकता हुआ संगठन है। देखते रहिए कुछ सालों में खंडहर हो जाएगी। अधिकांश ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर आरोप लगाए हैं। या तो यह सत्य है या फिर कोई बड़ा षडयंत्र। कहा कि संत यतीन्द्रानंद गिरी का पत्र बेवजह नहीं है।