



जंगल का वर्दी वाला ‘वीरप्पन’ मांगता है रिश्वत, 18 मिनट के आडियो में कई लोगों के हैं नाम
नवीन पाण्डेय ,देहरादून/हरिद्वार: जब जंगल का रक्षक ही उसे ‘दीमक’ की तरह खाने लगे तो फिर वनों और वन्य जीवों को बचाने की आस किससे की जाए। दैनिक समाचार आज एक सनसनीखेज आडियो जारी करने जा रहा है। हालांकि इस आडियो की पुष्टि हम नहीं करते कि आडियो में कथित आवाज किसकी है। फिर भी ये मामला हरिद्वार वन प्रभाग के हरिद्वार रेंज अंतर्गत तैनात एक वन दरोगा की बताई जा रही। जंगल बचाने की बजाय पेड़ के अवैध कटान में उसकी दिलचस्पी है। रिश्वत नहीं देने पर केस काटने की धमकी देता है। जंगल का सफाया हो जाए, उसकी बला से, उसे तो रिश्वत चाहिए। आरोपी को रिश्वत लेते क्लीनचिट देने का वायदा भी करता है। ये सब करने के लिए हजारों नहीं लाखों रुपये की डील करता है। कथित आडियो में जमकर अपशब्दों का इस्तेमाल करता है। यह सब हरिद्वार वन प्रभाग के वन दरोगा और उद्यान विभाग हरिद्वार के एडीओ के बीच का मामला है। जो यह बताने को काफी है कि जंगल की वर्दी में कई ‘वीरप्पन’ उत्तराखंड में कार्यरत हैं।
मामला हालांकि दीपावली के आसपास का है। गढ़मीरपुर के पास पूरनपुर में सेठीमल का बाग है। जिससे छह आम के फलदार पेड़ काटने के मामले से रिश्वत की शुरुआत होती है और कई पेड़ों को काटने और कटवाने को लेकर हजारों नहीं लाखों रुपये की रिश्वत की बात कथित वन दरोगा करता है। ठेकेदार और वन दरोगा के बीच का कथित आडियो है। वन दरोगा ठकेदार को मध्यस्त बनाकर लाखों की डिमांड करता है और सेठीमल के बाग से कटे पेड़ के मामले में उद्यान विभाग में एडीओ के तौर पर काम करने वाले सेठीमल को रिश्वत देने पर बचा लेने की बात करता है। इतना ही नहीं, कलियर के ठकेदार से धनपुरा में 150 हरे पेड़ को कटवाने को लेकर भी डील की बात ठकेदार से कही जाती है। रिश्वत की शुरुआत पन्द्रह हजार से होती है और दो लाख तक पहुंचती है। वन दरोगा दो लाख से कम लेने को तैयार नहीं होता है लेकिन आडियो के मुताबिक डेढ़ लाख तक वन दरोगा सबकुछ सेटल कर लेने की बात पर सहमत होता है। यह वन दरोगा फिलहाल हरिद्वार रेंज में कार्यरत है। पहले सेठीमल के बाग के मामले में यही जांच अधिकारी था और अब भी लगातार किसी न किसी रूप से रिश्वत को लेकर दबाव और धमकी दे रहा है।

उद्यान विभाग के एडीओ ने बाग से कटवाए पेड़
पूरनपुर में सेठी मल का हरिद्वार रेंज में बाग खड़ा है। जो गढ़मीरपुर के पास है। सेठीमल उद्यान विभाग में बहादराबाद में एडीओ के पद पर तैनात था। अब रोशनाबाद उद्यान विभाग से वह अटैच है। जिस वन दरोगा का आडियो मिला है वह भी अब पेड़ कटने वाले इलाके से हट चुका है और हरिद्वार रेंज के रेंज कार्यालय से अटैच है।
पांच हजार से शुरु हुई रिश्वत की चादर दो लाख तक पहुंची
पांच हजार रुपये रिश्वत देकर मामले को रफा-दफा करने की बात वन दरोगा से ठकेदार करता है लेकिन वन दरोगा का लालच बढ़ता जाता है। वह कटे पेड़ और दूसरे पेड़ों कटवाने की एवज में दो लाख तक की डिमांड करता है। आडियो में वन दरोगा साफ कहते सुना जा सकता है कि पन्द्रह रुपये में तो पेड़ कटने के समय ही रिश्वत की बात हुई थी लेकिन उस रकम को बढ़ाया नहीं गया। अब मामला दो लाख में ही फाइनल होगा।
वन दरोगा ने रिश्तेदार डीएफओ को कहा अपशब्द
वन दरोगा पर दबाव बनाने और मामले के सेटलमेंट को लेकर उद्यान विभाग में तैनात सेठीमल की ओर से कार्बेट लैंड स्कैप में तैनात रहे डीएफओ जो फिलहाल मुख्यालय से अटैच हैं से बात करके मसले को सुलझाने के बाबत बात ठकेदार ने कही। ऐसा सुनते ही वन दरोगा बिफर पड़ता है और रिश्तेदार तक को अपशब्द कहता है।

वन दरोगा की धमकी, पैसे नहीं मिले तो कईयों पर केस
वन दरोगा रिश्वत को लेने को इस तरह से दबाव बना रहा है कि वह कह रहा है कि छह लोगों के खिलाफ उसने नामजद मुकदमा दर्ज किया है जबकि कई अज्ञात में भी है। रिश्वत की रकम नहीं मिलने पर कई लोगों को उसमें जोड़ता जाएगा।
आडियो से वन दरोगा और उद्यान विभाग के एडीओ के बीच तनातनी
आडियो को सुनने के बाद ये जाहिर होता है कि वन दरोगा धनपुरा में 130 के करीब पेड़ों को कटवाने को लेकर उद्यान विभाग के एडीओ से व्यक्तिगत बात करके अनुमति मांगता है और उसमें डेढ़ लाख तक रिश्वत मिलने की बात करता है लेकिन एडीओ अनुमति नहीं देता है। जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद की शुरुआत होती है।
हॉफ तक पहुंचा पूरा मामला
पूरे मामले को संज्ञान में लाने को लेकर प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) विनोद सिंद्यल को कॉल किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। उन्हें वाटसअप पर आडियो से संबंधित जानकारी देकर बयान मांगा गया लेकिन उनका जवाब नहीं आया। फिर करीब पौने दो घंटे बाद प्रमुख वन संरक्षक को कॉल किया गया तो उनका फोन रिसीव हुआ। उन्होंने कहा कि वे मीटिंग में है। बाद में बात करेंगे। इस मामले में हॉफ का जो भी वर्जन होगा, वह आने पर प्रकाशित किया जाएगा।
क्या कहते हैं हरिद्वार के डीएफओ
हरिद्वार के डीएफओ धर्म सिंह मीणा का कहना है कि आडियो उनके पास नहीं आया है। आडियो मिलने के बाद वे उसकी सत्यता की जांच करेंगे। फिर कुछ कह सकेंगे।
क्या कहते हैं शिवालिक वन वृत के वन संरक्षक
शिवालिक वन वृत के कंजरवेटर धीरज पाण्डेय का कहना है कि यदि इस तरह का कोई मामला है तो निश्चित तौर पर बेहद गंभीर है। आडियो को लेकर हरिद्वार डीएफओ से संज्ञान लिया जाएगा। उन्होंने दैनिक समाचार से आडियो भेजने का अनुरोध किया है ताकि इस तरह के संगीन मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके।
नोट: रुद्र मीडिया नेटवर्क के दैनिक समाचार आपसे आडियो में अपशब्द चलाने को लेकर क्षमा मांगता है क्योंकि इस आडियो में किसी तरह की एडिटिंग नहीं की गई है ताकि छेड़छाड़ जैसी स्थिति नहीं रहे और कहां से कहां कड़ी जुड़ रही है। कौन-कौन लोगों के नाम सामने आए हैं, वह साफ हो सके। आडियो की पुष्टि भी नहीं करते लेकिन ऐसा कोई आडियो आने पर वन विभाग से कड़े और सख्त जांच के बाद कार्रवाई की उम्मीद जरूर करते है।