



-चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर भरोसा दिखाया
-उत्तराखंड को 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में सीएम पुष्कर सिंह धामी का चेहरा मिला
वासुदेव राजपूत, दैनिक समाचार

देहरादून/हरिद्वार। भाजपा में कई दिनों से मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया। चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है और उन्हें उत्तराखंड की कमान सौंपे जाने का फैसला लिया है। भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे आगे रहा। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। इसी के साथ उत्तराखंड को 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में सीएम पुष्कर सिंह धामी का चेहरा मिल गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया है। मैं उन्हें बधाई देता हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड का बेहतर विकास होगा।
तो क्या हार कर भी जीत गये पुष्कर सिंह धामी

दस मार्च को आए चुनाव परिणामों के बाद उत्तराखंड में भाजपा बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने में कामयाब रही, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। धामी के हाथ विधानसभा चुनाव में निराशा लगी थी। खटीमा विधानसभा सीट से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया। उत्तराखंड में बीजेपी की बहुमत के साथ जीत हुई। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी।
पुष्कर सिंह धामी 23 मार्च को लेंगे शपथ
उत्तराखंड राज्य का गठन हुए 21 साल हो चुके हैं। अपनी 20 साल की उम्र में ये राज्य 11 मुख्यमंत्री देख चुका है और अब एक बार फिर नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी की तैयारी हो रही है। ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री होंगे पुष्कर सिंह धामी, हां बीजेपी कार्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में धामी के नाम पर मोहर लग गई। बताते हैं पार्टी आला कमान ने उनके नाम पर ही मोहर लगाई है, यानि तय हैं कि धामी 23 मार्च को फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। आपको बता दें की उत्तराखंड के 2022 विधानसभा चुनावों में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर चुनाव लड़ा गया, लेकिन वो खटीमा से ही चुनाव हार गए। ऐसे में कयास यह लगाए गए कि मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी की जगह किसी और को मौका दिया जा सकता है। हालांकि पुष्कर सिंह धामी के पक्ष में कई विधायकों ने आलाकमान से आग्रह किया कि उनकी सीट खाली कर ली जाए और पुष्कर सिंह धामी को वहां से चुनाव लड़ाया जाए। लगभग 11 दिनों के मंथन के बाद आखिरकार फैसला लिया गया है और पुष्कर सिंह धामी को कह दिया गया है की वो सीएम की शपथ लें। वहीं अब 23 मार्च को शपथ लेने के बाद पुष्कर धामी 6 महीने के अंदर चुनाव लड़कर विधायक बनाना होगा। इसके लिए किसी विधायक की सीट खाली की जाएगी।
उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं धामी
पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 47 साल के धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। उत्तराखंड की खटीमा विधानसभा सीट से लगातार दो बार से विधायक बनते रहे हैं, लेकिन इस बार चूक गए भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाने वाले धामी ने भाजपा की युवा इकाई से राजनीति की शुरूआत की थी और 2002 से 2008 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
धामी ने युवा रूप में अपनी अलग पहचान बनाई
युवा मोर्चा का नेतृत्व संभालने के बाद उन्होंने प्रदेश भर में घूम-घूमकर यात्राएं की थीं और बेरोजगार युवाओं को एक साथ जोड़कर बड़ी रैलियां कर युवा नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई थी। प्रदेश में अगले साल की शुरूआत में ही चुनाव होने हैं, ऐसे में युवाओं में उनकी पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है।
राज्यपाल से मिले पुष्कर सिंह धामी सरकार बनाने का दावा पेश किया

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष मदन कौशिक ने सोमवार को सांय 6 बजे राजभवन में विधानमंडल दल के नव निर्वाचित नेता पुष्कर सिंह धामी के साथ राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से भेंट कर उन्हें अवगत कराया कि पुष्कर सिंह धामी को विधानमंडल दल का नया नेता चुना गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में नई सरकार मंत्रिमंडल के गठन का अनुरोध पत्र राज्यपाल को सौंपा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, अजय भट्ट, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत, नव निर्वाचित विधायक सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, रेखा आर्य, अरविंद पांडे सहित अन्य नवनिर्वाचित विधायकगण उपस्थित थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अनुरोध पत्र को स्वीकारते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने का निर्णय लिया है।