



दैनिक समाचार
माँ के दिल में आज भी जिन्दा है बीटा। एक माँ ने 21 वर्ष पूर्व गुम हुए बेटे के लिए एक श्रद्धांजलि पत्र जारी किया है। में लिखा है, (विन्रम श्रद्धांजलि) मेरे सुन्दर लाडले लायक बेटे सार्थक प्रिंस “विशु” नन्हे शाहिद! तुम्हे करोड़ो सलाम आज तुम्हें जुदा हुए 21 वर्ष बीत गए हैं। मगर तुम आज भी मेरी आँखों के सामने रहते हो। हम सब हर पल तुम्हे याद करते हैं। 1 अप्रैल 2001 को मेरा बेटा सार्थक प्रिंस हमसे जुड़ा हो गया। हाय रब्ब! वो खो गया है। मेरा लाल, मेरा अनमोल रत्न, काश! कोई लाकर दे सकता एक बिलखती माँ के दिल जिगर का टुकड़ा सार्थक! तुम बिन सुनी है, तेरी माँ की दुनिया। गुमसुम-गुमसुम आसुंओ से भरी आँखे लिए बैठी हूँ। गम जुदाई का सहा जाता नहीं, बिन तेरे मम्मी से सोणया पूत जिया जाता नहीं। एक मंजिल के लिए सो रहें होती है। एक सूरत के लिए सो चाहें होती है अगर किसी माँ का सुन्दर लाल छीन जाये तो उस माँ के दिल में बिछड़े हुए सुंदर बेटे के लिए सो आहें होती है।
लाखों तारे आसमान में एक मगर ढूंढे ना मिला देख के चाँद सितारों दिल तेरी मम्मी का चुपचाप जला। हम सब है तुम्हारे अपने, रोते….., तड़पते….., बेबस…….
तुम्हारी अनमोल याद में
निर्मल(माँ), रमेशचंद(पिता), सोनल प्रिंस(भाई) व् समस्त परिवार।
धन्य है वो माँ जो 21 साल बाद ही अपने बेटे को आज भी दिल में संजोये है।